गोपियों का निष्काम प्रेम ❤️
❤️ गोपियों का निष्काम प्रेम ❤️
श्रीकृष्ण ह्रदय का शुद्ध प्रेम माँगते हैं। गोपियों का प्रेम कन्हैया को बिना आमंत्रण के गोपी के घर ले जाता है, इसलिये तो कहा है –
सबसे ऊँची प्रेम सगाई,
दुर्योधन को मेवा त्यागे साग विदुर घर खाई।
झूठे फल शबरी के खाये, बहु विधि प्रेम लगाई।
सबसे ऊँची प्रेम सगाई॥
श्री कृष्ण कहते हैं, “मुझे गोकुल में गोपियों के साथ जो आनन्द मिला वह द्वारिका में नहीं मिला।” गोपियों का प्रेम निष्काम है। भगवान् का आश्रय लेने वाला निष्काम बनता है। गोपियों कि ऐसी भक्ति से मुकुन्द माधव गोपियों के ऋण में बंध गये। गोपियों के प्रेम की महिमा देखने लायक है।
जय श्री राधे कृष्ण ❤️
नमः पार्वतीपतये हर हर महादेव 🚩